आशा :
कनाए, इधर देखो !

कानाए :
आशा !

दिल्ली सचमुच दूर है !

आशा :
यह तो है ।

ये मेरे मौसेरे भाई प्रदीप हैं ।

कानाए :
नमस्कार ।

प्रदीप :
नमस्कार ।

आपका शुभ नाम ?

कानाए :
मेरा नाम कानाए कुराहाशी है ।

प्रदीप :
क्या विद्यार्थी हैं ?

कानाए :
जी हाँ, मैं एम. ए. की विद्यार्थी हूँ ।

आप आशा के मौसेरे भाई हैं न ?

तो क्या आपकी माता जी आशा की माता जी की बहन हैं ?

आशा :
शाबाश, कानाए !

प्रदीप, जल्दी करो, इनका सामान उठाओ ।

कानाए :
यह बहुत भारी है ।

कृपया ध्यान से उठाइए ।

प्रदीप :
अच्छा, अब चिन्ता न कीजिए ।

आशा :
प्रदीप की गाड़ी उधर है ।

तुम घर पर आराम करना ।

कानाए :
धन्यवाद ।

आशा :
प्रदीप, तुम भी चाय पीकर ही जाना ।

प्रदीप :
... आज समय नहीं है ।

मौसी को मेरा प्रणाम कहना ।

आशा :
अच्छा, तो फिर आना ज़रूर ।

कानाए :
प्रदीप जी, धन्यवाद ।

प्रदीप :
धन्यवाद ।

कोई बात नहीं ।

फिर मिलेंगे ।

कानाए :
जी हाँ, ज़रूर ।

आशा :
कानाए, अंदर चलो ।